अभिप्रेरणा की प्रमुख विशेषताएँ

प्रेरणा / अभिप्रेरणा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं 1. अभिप्रेरणा भावात्मक जागृति द्वारा वर्णित होती है – यह भावात्मक पक्ष है जो प्रेरणा / अभिप्रेरणा से सम्बन्धित होता है । इस प्रकार से उत्पन्न स्थिति को मनोविज्ञान से उत्पन्न तनाव की स्थिति भी कह सकते हैं । व्यक्तिगत रूप से इस भावात्मक दशा का वर्णन संवेगों द्वारा ही किया जाता है । जब एक शिक्षक बालक को दण्ड देता है तो मारने की प्रेरणा वाला व्यवहार क्रोध के संवेग द्वारा ही वर्णित होता है ।

2. अभिप्रेरणा बालक के अन्दर शक्ति परिवर्तन से उत्पन्न होती है –

प्रेरणा का प्रादुर्भाव बालक के अन्दर शक्ति परिवर्तन द्वारा ही होता है । उदाहरण के तौर पर भूख की प्रेरणा / अभिप्रेरणा बालक के शारीरिक परिवर्तन के अनुसार ही उत्पन्न होती है ।

3.अभिप्रेरणा पूर्वानुमान के उद्देश्य द्वारा वर्णित होती है –

ऐसी कुछ क्रियाएँ प्रेरित व्यक्ति द्वारा की जाती हैं , जो उसके लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होती हैं । इन्हीं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप व्यक्ति के अन्दर का तनाव कम हो जाता है , जो शक्ति के परिवर्तन के कारण ही उत्पन्न होता है अर्थात् प्रेरणा उद्देश्य प्राप्त कराने वाली प्रतिक्रियाओं की ओर ले जाती है ।

4. बेचैनी –

प्रेरणा / अभिप्रेरणा का यह लक्षण होता है कि लक्ष्य की प्राप्ति हेतु व्यक्ति के अन्दर बेचैनी उत्पन्न होती है । यह बेचैनी तब तक समाप्त नहीं होती जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता । उदाहरण के तौर पर भूखा व्यक्ति तब तक बेचैन रहता है जब तक उसे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाती है ।

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pradarshan vidhi

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