शैक्षिक अनुसंधान (educational research)

शैक्षिक अनुसंधान (educational research)
मनुष्य की अंतर्निहित शक्तियों को उच्च स्तर तक विकास शिक्षा के द्वारा ही किया जा सकता है व्यापक अर्थ में शिक्षा जीवन की अविभाजित प्रक्रिया है। हम जन्म से मृत्यु तक शिक्षा ग्रहण करते रहते हैं। क्योंकि जीवन गतिशील होता है और शिक्षा जीवन की एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है अतः शिक्षण प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से गतिशील प्रक्रिया है ।

प्रचलित अर्थ में शिक्षा से तात्पर्य एक बीवी भव्य व औपचारिक रूप से गठित एवं संचालित प्रक्रिया है शिक्षा अनुसंधान शिक्षार्थी शिक्षक एवं शिक्षालय के अंतर क्रियात्मक संबंधों का बोध होता है किंतु वह प्रक्रिया पूरी होने के साथ-साथ गतिशील भी होती है ।

सामान्य अर्थों में शिक्षक एक गत्यात्मक प्रक्रिया है इस समय कार्यों को एक मशीन के रूप में पूरा कर देना मात्र सही अर्थ नहीं होगा जहां शिक्षामशीन की यांत्रिकता आ जाती है वह शिक्षा का वास्तविक एवं सही स्वरूप समाप्त हो जाता है। और इस अर्थ मेंविद्यालयों और यांत्रिक कारखानों में कोई अंतर नहीं रह जाता है।

अतः शिक्षा एक व्यापार बनकर रह जाएगा। सही अर्थ में शिक्षा एक शतक जागरूक एवं कल्पनाशील प्रक्रिया है । इसमें थोड़ी भी असावधानी हानिकारक सिद्ध हो सकती है। शिक्षा की इस प्रक्रिया को गतिशील बनाए रखने के लिए अनुसंधान की बहुत आवश्यकता होती है । शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान द्वारा रोगियों एवं अंधविश्वासों के प्रति दूर दुराग्रह की प्रवृत्ति का निराकरण संभव होता है । और इस दृष्टि से शिक्षा एवं शिक्षा शास्त्री परंपरा के लिए को पाटने के दोष से स्वतंत्र होते हैं और शिक्षण में नई नीतियां गतियां और दिशा बोध का संचार एवं विस्तार होता है।

एम डब्लू ट्रैवल्स ने शैक्षणिक अनुसंधान को व्यवहार विज्ञान के विकास से जोड़ने की प्रक्रिया माना है उनके अनुसार शैक्षणिक अनुसंधान एक ऐसी प्रक्रिया है जिनके द्वारा शैक्षणिक परिस्थिति में नए-नए व्यवहारों की रचना एवं उनसे संबंधित अवधारणाएं होती हैं पूर्ण योगदान अभिप्राय है कि अनुसंधान के द्वारा नए व्यवहारों एवं व्यवहार के प्रति मानव के प्रति संकेत प्राप्त होते हैं किसी शैक्षणिक स्थिति में हमें क्या करना चाहिए कौन
शैक्षिक अनुसंधान (educational research) से तात्पर्य वैज्ञानिक विधि से लिया जाता है जिसमें हम किसी परिस्थिति और उस परिस्थिति की प्रक्रियाओं के बारे में व्यवस्थित वस्तुनिष्ठ तथा इंद्रीअनुभविक अर्थात इंद्रियों के द्वारा ढंग से सत्यापित जो ज्ञान प्राप्त किया जा सके इस संदर्भ में अर्थपूर्ण प्रश्नों की पहचान एवं उनका निरूपण करना अनुसंधान का प्रमुख उद्देश्य होता है इस दृष्टि से अनुसंधान के तीन रूप मिलते हैं

1-मौलिक अनुसंधान
2-व्यावहारिक या व्यावहारिक अनुसंधान
3-क्रियात्मक अनुसंधान

शैक्षिक अनुसंधान (educational research)

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