प्रकृतिवाद की अर्थ एवं परिभाषा – प्रकृतिवाद के अनुसार प्रकृति ही मूल तत्व है । यह अलौकिक ( Metaphysics ) और पारलौकिक ( Super Natural ) में विश्वास न करके प्रकृति को ही पूर्ण सत्ता मानता है । प्रकृतिवाद को भौतिकवाद तथा पदार्थवाद के रूप में भी जाना जाता है ।
प्रकृतिवाद की निम्नलिखित परिभाषाएं इसके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालती हैं-
( 1 ) एडम्स का विचार है , ” प्रकृतिवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसे शिक्षा सिद्धान्त में प्रशिक्षण की प्रणालियों को लचीते तौर पर लागू किया जाता है जो कि स्कूलों तथा पुस्तकों पर निर्भर नहीं करती , अपितु छात्र के वास्तविक जीवन पर निर्भर करती है । ”
( 2 ) बाइस के अनुसार , ” प्रकृतिवाद एक प्रणाली है और जो कुछ आध्यात्मिक है , उसका बहिष्कार ही उसकी प्रमुख विशेषता है । ”
पैरी-’’प्रकृतिवाद विज्ञान नहीं है वरन् विज्ञान के बारे में दावा है। अत्मिाक स्पष्ट रूप से यह इस बात का दावा है कि वैज्ञानिक ज्ञान अन्तिम है और विज्ञान से बाहर या दार्शनिक ज्ञान का को स्थान नहीं है।’’
( 3 ) थॉमस और लैंग के अनुसार , “ प्रकृतिवाद आदर्शवाद के विपरीत मन को पदार्थ के अधीन मानता है और यह विश्वास करता है कि अन्तिम वास्तविकता भौतिक है , आध्यात्मिक
( 4 ) वार्ड का कहना है , ” प्रकृतिवाद वह विचारधारा है जो प्रकृति को ईश्वर से अलग करती है , आत्मा को पदार्थ के अधीन मानती है और प्रकृति के अपरिवर्तनशील नियमों की सर्वोच्च सत्ता मानती है । “
इस प्रकार प्रकृतिवाद के अनुसार प्रकृति ही मूल तत्व है । प्रत्येक वस्तु प्रकृति से ही उन्म लेती है तथा प्रकृति में ही विलीन हो जाती है । प्रत्येक मनुष्य की अपनी प्रकृति होती है । प्रतिवाद में आध्यात्मवाद का कोई स्थान नहीं है । भौतिक जगत ही वास्तविक जगत है ।
प्रकृतिवाद की अर्थ एवं परिभाषा
प्रयोजनवाद के शैक्षिक सिद्धान्त