अनुसंधान की महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ
बेब्सटर के नवीन अन्तर्राष्ट्रीय कोश के अनुसार , ” अनुसंधान केवल सत्य को खोज मात्र नहीं है , अपितु यह एक दीर्घकालीन , प्रगाड़ ढंग से किया गया सोद्देश्य तलाश है । “
तात्पर्य यह है कि अनुसंधान में सत्य की खोज करना उद्देश्य होता है । यह हल अस्थायी एवं अन्तिम रूप से प्राप्त नहीं होता । इसके लिए गहराई में जाना आवश्यक है ।
( 2 ) डब्ल्यू . एस . मुनरो अनुसार , अनुसंधान से आशय है का , जो किसी समस्या के अध्ययन हेतु अपनाई जाती है तथा जिसमें समस्या के प्रति दिये गये सुझावों की पुष्टि तव्यों द्वारा की जाती है । ये तय सम्मति के रूप में अथवा ऐतिहासिक विवरण जो अभिलेखों एवं प्रतिवेदनों में समाविष्ट है , परीक्षणों के परिणामों , प्रश्नावलियों के उत्तरों तथा प्रयोगों द्वारा प्राप्त होने वाले प्रदत्तों के रूप में ही सकते हैं । ”
( 3 ) श्री एल.वी. रेडमैन तथा ए . वी . एच . मौरी ने थोड़े हो शब्दों में अनुसंधान को परिभाषित करने का प्रयास किया है । उनकी दृष्टि में नवीन ज्ञान को प्राप्त करने के लिए
( 4 ) पी . एस . कूक के अनुसार , “ अनुसंधान किसी समस्या के प्रति ईमानदारी , सांगोपांग एवं समझदारी के साथ की हुईखोज है । यह खोज तथ्यों एवं उनके अर्थों का पता लगाने के लिए की जाती है ।”
अनुसंधान की महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ