Vigyan ki prakriti, nature of science , vigan ka arth, pribasa, What is science in Hindi ? for B.Ed.
इस अध्याय में हम लोग, nature of science in hindi ,vigyan ki prakriti, विज्ञान क्या है? विज्ञान का अर्थ, विज्ञान की परिभाषा , विज्ञान की (nature)प्रकृति,विज्ञान के प्रकार के बारे में अध्ययन करेंगे।
विज्ञान क्या है ?
मनुष्य का मन स्वाभाविक रूप से जिज्ञासु होता है। जो वातावरण में होने वाली प्रत्येक घटनाओं चाहे वह प्रकृति हो या सामाजिक अथवा ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं को जानने की प्रबल इच्छा रखता है। उदाहरण के लिए, पानी क्यों बरसता है ? दिन रात कैसे होता है ? नदी एवं समुद्र कैसे बना है ? ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ है? बीज से पेड़ कैसे बनते हैं ? धातुएं कहां से मिलती है? फोन पर दूर बैठे व्यक्तियों से कैसे बात हो जाती है? इस प्रकार के बहुत से प्रश्न मानव के जिज्ञासु मस्तिष्क में आते रहते हैं।
इस प्रकार के अनेकों प्रश्नों के उचित सटीक व सही उत्तर देने और परिणाम स्वरूप सत्य को ढूंढने में लगे रहने के कार्य को विज्ञान का नाम दिया जा सकता है।
विज्ञान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि संसार में जो कुछ है और जो कुछ हो रहा है इसका आधार क्या है? विज्ञान मानता है कि संसार में कोई घटना नहीं घटित हो सकती है। हवा क्यों चलती है ? रात में सूर्य क्यों नहीं दिखाई देता है? हम लोग बीमार क्यों पड़ते हैं? इसका कोई ना कोई कारण अवश्य होता है। इस प्रकार के सभी कारणों की खोज विज्ञान करता है।
विज्ञान का अर्थ
विज्ञान दो शब्दों से वि+ज्ञान से मिलकर बना है। जिसमें पहला शब्द है वि तथा दूसरा शब्द ज्ञान है “ वि” का अर्थ है विशेष तथा ज्ञान का अर्थ जानकारी से है।
अंतः विशेष प्रकार की ज्ञान या विद्या अथवा जानकारी को विज्ञान कहा जाता है ।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि संसार की वस्तुओं एवं घटनाओं के बारे में जानकारी एवं इन घटनाओं की आपस में संबंध ज्ञात करने के नाम को विज्ञान का सकते हैं ।
विज्ञान की परिभाषा
प्राकृतिक में या संसार में घटित होने वाली घटनाओं को अध्ययन करना एवं इन घटनाओं के मध्य संबंध ज्ञात करने के नाम को विज्ञान कहते हैं ।
जैसे- पूर्णिमा एवं अमावस्या क्यों होती है ? ज्वार -भाटा क्यों होता है? पूर्णिमा अमावस्या तथा ज्वार भाटा के मध्य क्या संबंध है ? इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर विज्ञान ही देता है
विज्ञान की प्रकृति
1– वैज्ञानिक दृष्टिकोण– विज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक होती है । जो विज्ञान पढ़ता या पढ़ाता है उसका दृष्टिकोण वैज्ञानिक हो जाता है कहने का तात्पर्य है कि जो विज्ञान का अध्ययन करता है वह विज्ञान के अनुसार या विज्ञान के नजरिए से प्रत्येक घटनाओं को समझने का प्रयास करता है । जो समाज में जागरूक नागरिक के रूप में जीवन व्यतीत करने में मदद करता है एवं अंधविश्वास को समझने में एवं इससे मुक्ति पाने में मदद करता है । वैज्ञानिक दृष्टिकोण मनुष्य की दिन प्रतिदिन की समस्याओं का निवारण करता है । यह वैज्ञानिक रुचि का भी विकास करता है और एक स्वच्छ सामाजिक वातावरण निर्माण करता है ।
2– विज्ञान का आधार प्रत्यक्ष सत्य होता है- विज्ञान में जो कुछ दिखाई देता है या सामने होता है जो वैज्ञानिक विधियों प्रविधियां नियमों पर खरा उतरता है उसी को सत्य माना जाता है अन्य किसी को नहीं।
3– विज्ञान में प्राप्त आंकड़ों के आधार पर उनका संख्यात्मक एवं गुणात्मक निष्कर्ष या परिणाम निकाला जाता है ।
4– विज्ञान तथ्यों पर आधारित होता है । विज्ञान वैज्ञानिक पद्धति को, विधि विधि को एवं नियमों को अपनाता है । जिससे किसी घटना को विश्वसनीय, वैध निष्पक्ष और उद्देश्य पूर्ण रूप में सत्यापन किया जा सके।
5– विज्ञान ज्ञान को रंपत संगठित एवं व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करता है।
6- विज्ञान सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करता है। विज्ञान के कारण ही हमारे सामाजिक जीवन में परिवर्तन आता है । जैसे नई तकनीकी से खोज होने के बाद हम सभी लोगों का जीवन प्राचीन समय की तुलना में आज बहुत ज्यादा तकनीक पर निर्भर हैं जो हमारी संस्कृति को एक क्रांति के रूप में परिवर्तन लाया ।
7- विज्ञान स्वतंत्र विचारों बौद्धिक रचनात्मक ईमानदार सोच और समर्थन मूल्यों पर बल देता है ।
विज्ञान के प्रकार
विज्ञान के प्रकार की बात की जाए तो इस आधुनिक युग में विज्ञान कई भागों में बट चुका है और अभी भी विज्ञान के नए विभाग बनाए जा रहे हैं जिसकी व्याख्या करना बहुत कठिन कार्य है । अतः यहां पर हम केवल विज्ञान के प्रमुख प्रकारों की चर्चा करेंगे ।
विज्ञान मुख्य तीन भाग में बांटा गया है जो इस प्रकार है
1- भौतिक विज्ञान 2- रसायन विज्ञान 3- जीव विज्ञान
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